Description
- देश के सभी किसानों का हृदय से वंदन, आपकी दिन-रात की मेहनत से ही हमारा जीवन है.
- भारत माँ के सपूत-भारतीय किसानों को मेरा कोटि-कोटि नमन!
- त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है किसान, उनकी निःस्वार्थ सेवा और कठोर परिश्रम को प्रणाम..
- जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है। - ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक कृषक को छलता रहेगा। - छत टपकती हैं,
उसके कच्चे घर की,
फिर भी वो कृषक करता हैं दुआ बारिश की। - मत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं,
कि मैं पेशे से एक किसान हूँ। - जिसकी आँखो के आगे,
किसान पेड़ पे झूल गया,
देख आईना तू भी बन्दे,
कल जो किया वो भूल गया। - किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगी,
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी। - उन घरो में जहाँ,
मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो,
मगर लोग बड़े रहते हैं।